Welcome to Samskrut Yatra Blog

My Journey in Samskrut - Samskrut Yatra and introduction to this dimensions of life.

IshaaVashyopnishad - ईशावास्योपषत्

1 minute read

ॐ ईशा वास्यमिदꣳ सर्वं यत्किञ्च जगत्यां जगत् । तेन त्यक्तेन भुञ्जीथा मा गृधः कस्यस्विद्धनम् ॥

Naam Ramayan - नाम रामायण

1 minute read

॥ बालकाण्डम् Baala-Kaannddam ॥ शुद्धब्रह्मपरात्पर राम् ॥१॥ कालात्मकपरमेश्वर राम् ॥२॥ शेषतल्पसुखनिद्रित राम् ॥३॥ ब्रह्माद्यामरप्रार्थित राम् ॥४॥ चण्डकिरणकुलमण...

Shrisuktam - श्रीसूक्तम्

1 minute read

Shrisuktam ॐ हिर॑ण्यवर्णां॒ हरि॑णीं सु॒वर्ण॑रज॒तस्र॑जाम् । च॒न्द्रां हि॒रण्म॑यीं ल॒क्ष्मीं जात॑वेदो म॒ आव॑ह ॥ तां म॒ आव॑ह॒ जात॑वेदो ल॒क्ष्मीमन॑पगा॒मिनी᳚म् । ...

Navgruhsuktam - नवग्रहसूक्तम्

2 minute read

Navgruhsuktam ॐ शुक्लाम्बरधरं विष्णुं शशिवर्णं चतुर्भुजम्। प्रसन्नवदनम् ध्यायेत्सर्व विघ्नोपशान्तये॥ ॐ भूः ॐ भुवः॑ ॐ सुवः॑ ॐ महः॑ ॐ जनः ॐ तपः॑ ॐ स॒त्यम् ॐ तत...

Narayanopnishad - नारायणोपनिषत्

1 minute read

Narayanopnishad ॐ स॒ह ना॑ववतु । स॒ह नौ॑ भुनक्तु । स॒ह वी॒र्यं॑ करवावहै । ते॒ज॒स्विना॒वधी॑तमस्तु॒ मा वि॑द्विषा॒वहै᳚ ॥ ॐ शान्तिः॒ शान्तिः॒ शान्तिः॑ ॥ ॐ अथ पुरु...

Shankarya Mangalam - शंकराय मंगलं

less than 1 minute read

शंकराय शंकराय शंकराय मंगलम । शंकरा मनोहराय शाश्वताय मंगलम् ॥ सुंदरेश मंगलं सनातनाय मंगलम्। चिन्मयाय सन्मयाय तन्मयाय मंगलम् ॥

Parsat Pad Paavan - परसत पद पावन

less than 1 minute read

परसत पद पावन सोक नसावन प्रगट भई तपपुंज सही। देखत रघुनायक जन सुख दायक सनमुख होइ कर जोरि रही

Kenopnishad - केनोपनिषत्

2 minute read

Kenopnishad ॐ आप्यायन्तु ममाङ्गानि वाक्प्राणश्चक्षुः श्रोत्रमथो बलमिन्द्रियाणि च सर्वाणि । सर्वं ब्रह्मौपनिषदं माऽहं ब्रह्म निराकुर्यां मा मा ब्रह्म निराकरोद...

Jai Jai Surnayak - जय जय सुरनायक

less than 1 minute read

जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता। गो द्विज हितकारी जय असुरारी सिधुंसुता प्रिय कंता।।

Durgati Naashini Durge - दुर्गतिनाशिनी दुर्गे

less than 1 minute read

जय दुर्गतिनाशिनी दुर्गे, माँ ज्ञान- भक्ति का वर दे ।। मम अँधियारे जीवन को, स्वर्णिम प्रकाश से भर दे ।। रिपुओं ने मुझको घेरा, बस मिल जाये आश्रय तेरा, निज तीक्...

Rigvediya DeviSuktam - देवीसूक्तम्

less than 1 minute read

॥विनियोगः॥ ॐ अहमित्यष्टर्चस्य सूक्तस्य वागाम्भृणी ऋषिः, सच्चित्सुखात्मकः सर्वगतः परमात्मा देवता, द्वितीयाया ॠचो जगती, शिष्टानां त्रिष्टुप् छन्दः, देवीमाहात्म...